राजनीतिक दृश्यम: क्या, गोंदिया का अगला विधायक भी “निर्दलीय” होंगा..?? 

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जावेद खान।
गोंदिया। क्या गोंदिया विधानसभा क्षेत्र से अगला विधायक भी निर्दलीय होंगा?? ये सवाल इसलिए उपस्थित हो रहा है चूँकि 2019 में जो दृश्यम सामने आया, वो वर्तमान में भी बना हुआ है। रुझान की हवाएं अभी भी निर्दलीय विधायक की तरफ बह रही है। भाजपा से टूटा हुआ एक बड़ा धड़ा अब चाबी संगठन बन चुका है। चाबी में नए-नए लोगों की एंट्री से ये वटवृक्ष बन चुका है। चाबी अन्य राजनीतिक दलों की अपेक्षा चहेती व लोकप्रिय बनी हुई है। ऐसे में इस विधानसभा क्षेत्र में हमारा अगला विधायक कौन होगा इसकी समीक्षा की जानी जरूरी है।

2019 के विस चुनाव में क्या हुआ था..??

अपने 35 साल के राजकीय जीवन में 30 साल भाजपा के कट्टर कार्यकर्ता के रूप में ज़मीनी स्तर पर जुड़े रहकर वर्ष 2014 तक भाजपा के जिलाध्यक्ष की कमान संभालने वाले वर्तमान में गोंदिया विधानसभा क्षेत्र के निर्दलीय विधायक विनोद अग्रवाल को वर्ष 2019 के ऐन विधानसभा चुनाव के मौके पर भाजपा से टिकट न मिलने पर विनोद अग्रवाल ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और रेकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की थी।

भाजपा के बरसों के साथी रहे विनोद अग्रवाल को टिकट न देकर कांग्रेस से भाजपा में आये नवागत तत्कालीन विधायक गोपालदास अग्रवाल को भाजपा का उम्मीदवार बनाया गया था। भाजपा द्वारा उस दौरान लिए गए इस निर्णय का खामियाज़ा भाजपा को भुगतना पड़ा, और निर्दलीय उम्मीदवार विनोद अग्रवाल को ऐतिहासिक जीत दर्ज हुई।

2014 में भाजपा की टिकट से हारे थे विनोद अग्रवाल

विनोद अग्रवाल जब वर्ष 2014 में भाजपा की टिकट से गोंदिया विधानसभा का चुनाव लड़े थे उस समय वे तत्कालीन कांग्रेस के विधायक गोपालदास अग्रवाल से चुनाव हार गए थे। उन्होंने इस हार को स्वीकार कर गोंदिया विधानसभा क्षेत्र में भाजपा का एक मजबूत कार्यकर्ता बनकर पार्टी को बढाने का कार्य किया। वर्ष 2014 के पूर्व व वर्ष 2019 के आते तक विनोद अग्रवाल गोंदिया के लिए एक चर्चित चेहरा बन गए थे। भाजपा के अधिकतर लोग उनसे सीधे जुड़े होने से एवं वर्ष 2019 में भाजपा से टिकट न मिलने पर ये सभी नाराज होकर निर्दलीय उम्मीदवार विनोद अग्रवाल के साथ खड़े रहे, जिन्होंने जीत के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाकर उन्हें विधायक बनाने में मुख्य योगदान दिया। गोंदिया की जनता ने भी विनोद अग्रवाल के साथ हुई नाइंसाफी पर सहानुभूति दिखाकर दिल खोलकर मतदान किया, जिसका नतीजा सबके सामने है।

आगामी विस चुनाव में क्या दृश्यम होगा..??

आगामी 2024 के विधानसभा चुनाव में स्थिति जैसे थे कि बनीं हुई है। निर्दलीय विधायक विनोद अग्रवाल भले ही भाजपा की विचारधारा से आज भी जुड़े हुए है पर भाजपा में पूर्व विधायक गोपालदास अग्रवाल के रहने से वे पार्टी से दूरी बनाये हुए है। ये दूरियां समाप्त होना संभव नहीं। राजनीति में भाजपा के दावेदार के रूप में गोपालदास अग्रवाल डटे हुए है और दोनों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर निरंतर जारी है। इसलिए समीकरण साफ है कि विस चुनाव में चाबी फिर निर्दलीय होकर चुनाव लड़ेगी।

अन्य राजनीतिक दलों की स्थिति…

भाजपा, चाबी को छोड़ के बात करे तो कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस, शिवसेना (शिंदे गुट), शिवसेना (उद्धव गुट), बीएसपी आदि पार्टियां भी मैदान में होगी। पिछले चुनाव में कांग्रेस की स्थिति ठीक नही थी। एनसीपी मैदान में नही थी। आगामी चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का उम्मीदवार हो सकता है। अगर कांग्रेस से गठबंधन रहा तो कांग्रेस टिकट की दावेदारी करेगी। गठबंधन न होने पर दोनों पक्ष चुनाव लड़ेंगे।

कुल मिलाकर डटे तो सभी मैदान में रहेंगे, पर आखरी नतीजे जनता द्वारा किये गए मूल्यांकन और चुनावी समीकरण के आधार पर होगा। अब देखना ये होगा कि हमारा अगला विधायक कौन होता है..??

लोकसभा-विस चुनाव एकसाथ हुए तो…!!!

आगामी लोकसभा चुनाव भी वर्ष 2024 में होने है। विधानसभा भी उसी दौरान। अगर ये दोनों चुनाव एकसाथ हुए तो स्थिति व समीकरण अलग निर्माण हो सकते है। लोकसभा-विधानसभा चुनाव हेतु जीत के लिए सभी राष्ट्रीय पार्टियों के दोनों उम्मीदवार दो वोट मांगेगे, वही निर्दलीय उम्मीदवार लोकसभा और विधानसभा के लिए अलग-अलग एक-एक वोट मांगेगा। हालांकि जनता के लिए ये मुश्किल होगा पर गोंदिया विधानसभा में क्या स्थिति बनती है ये वक्त ही बताएगा..।

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